Vimal Nadar, Head of Research at Colliers India
The RBI, has decided to keep its repo rate unchanged at 6.5%, with its stance at “withdraw of accommodation” and is an encouraging sign. While challenges in geopolitics and the resultant downside risks to growth prevail, the next few months will be critical and will define the course for 2023. It is a positive sign that the headline inflation is moderating, however it continues to remain above RBI’s target and thus remains a monitorable.
The unchanged repo rate is likely to give some breather to homebuyers as the RBI has raised the repo rate by a cumulative 250 basis points since May 2022, thereby pushing up interest rates for homebuyers to 9.5% and above. Given the expected nominal growth in income levels paired with sturdy prices in a cautious economic environment, RBI’s pause on repo rate is a much-needed step to boost real estate sentiment.
Translation Hindi:
विमल नादर, अनुसंधान प्रमुख (हेड ऑफ़ रिसर्च), कोलिएर्स इंडिया
"समायोजन की वापसी" (विदड्रा ऑफ़ अकोमोडेशन) के साथ-साथ आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 बरकरार रखने का निर्णय उत्साहजनक है। भूराजनैतिक चुनौतियों और आर्थिक वृद्धि दर में कमी के खतरे को देखते हुए अगले कुछ महीने निर्णायक सिद्ध होंगे और साल 2023 का रास्ता तय करेंगे। काफी सकारात्मक बात यह है कि मंहगाई मद्धम पड़ रही है, लेकिन आरबीआई के लक्ष्य से फिर भी ऊपर है, जिससे इन पर निगरानी रखा जाना आवश्यक है।
मई 2022 से आरबीआई रेपो रेट को 250 आधार अंकों से बढ़ा चुकी है, जिससे होम लोन की ब्याज दरें 9.5 प्रतिशत या ऊपर तक चली गई हैं, ऐसे में अपवर्तित रेपो रेट घर खरीददारों के लिए कुछ राहत लेकर आई है। आय में सांकेतिक वृद्धि की आशा के साथ-साथ सतर्कता भरे वित्तीय वातावरण में आरबीआई द्वारा रेपो रेट पर लगाम रियल एस्टेट सेक्टर के सेंटीमेंट्स को बढ़ावा देने की दिशा में अतिआवश्यक निर्णय है।
Piyush Gupta, MD, Capital Markets & Investment Services at Colliers India
"After six consecutive hikes, RBI MPC’s decision to pause on further increase in rates is a welcome move. With inflationary pressures now taming down, this will bring back focus on growth, credit off-take, consumer spending, Real Estate, Infrastructure and specifically housing sector demand."
Translation Hindi:
पियूष गुप्ता, प्रबंध निदेशक (मैनेजिंग डायरेक्टर), पूजी बाजार एवं निवेश सेवाएं (कैपिटल मार्केट्स एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज), कोलिएर्स इंडिया
लगातार छह बढोत्तरियों के बाद दरों में आगे वृद्धि पर रोक का आरबीआई एमपीसी का निर्णय स्वागत योग्य है। अब जबकि मंहगाई का दबाव कम होता दिख रहा है, अब फिर से वृद्धि, ऋण वितरण, उपभोग व्यय, रियल एस्टेट, आधारभूत ढांचा और खासकर हाउसिंग सेक्टर में मांग पर ध्यान केंद्रित होगा।
Amit Goyal, CEO, India Sotheby's International Realty
Despite inflationary pressure and other geopolitical issues, RBI Decision to maintain the status quo on policy rates is good news for home buyers.
Rising home loan interest rates has become a growing concern for both home buyers and supply-side stakeholders. To some extent the higher home loan interest rates have dampened the demand for affordable and mid-segment housing as buyers in these segments are more price-sensitive. While the luxury and high-end segments have not been significantly impacted yet, further increases could have affected the overall industry.
We remain optimistic that inflation will come under control and there will be no further increase in policy rates.
Translation Hindi:
अमित गोयल, सीईओ, इंडिया सदबीज इंटरनेशनल रियल्टी -
मंहगाई और अन्य भूराजनीतिक दबाव के बावजूद भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पालिसी रेट में बदलाव ना करना घर खरीददारों के लिए एक अच्छी खबर है।
गृह ऋण की बढ़ती हुई ब्याज दरें घर खरीदने वालों और आपूर्ति पक्ष के हितधारकों दोनों के चिंता का विषय बन गई हैं। कुछ हद तक बढ़ी हुई ब्याज दरों ने वहनीय (अफोर्डेबल) और मध्य स्तर (मिड सेगमेंट) हाउसिंग की मांग को प्रभावित किया है, क्योंकि इन वर्गों के खरीददार कीमतों को लेकर अपेक्षाकृत ज्यादा संवेदनशील रहते हैं। लक्ज़री और उच्च कीमतों के सेगमेंट पर अभी तक कुछ खास असर नहीं पड़ा है, वहीं ब्याज दरों में और बढ़ोतरी पूरी इंडस्टी पर असर डाल सकती थी।
हमें पूरी आशा है कि मंहगाई जल्द ही नियंत्रण में आ जायेगी और पालिसी रेट में आगे वृद्धि नहीं होगी।
Mr Mohit Jain, Managing Director, Krisumi Corporation
We applaud the RBI's decision to maintain the current policy rates, as it will prevent any further increase in home loan rates. The higher interest rate on home loan has started pinching borrowers, as it negatively impacts loan eligibility of home buyers. Despite this, there hasn't been a significant impact on the demand in the housing sector so far as home buyers are aware that it is a passing phase and once inflation comes under control, interest rate will also come down.
Translation Hindi:
मोहित जैन, प्रबंध निदेशक (मैनेजिंग डायरेक्टर), क्रिशुमी कारपोरेशन
आरबीआई द्वारा पालिसी रेट को बरकरार रखने के निर्णय की जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी, क्योंकि इससे होम लोन की ब्याज दरों में किसी भी बढ़ोतरी पर लगाम लगेगी। बढ़ी हुई ब्याज दरें उधारकर्ताओं (बॉरोअर्स) को चुभने लगी थीं, क्योंकि इससे उनकी ऋण लेने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। इसके बावजूद, अभी तक हाउसिंग सेक्टर पर काफी ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा था, क्योंकि घर खरीददारों को मालूम था कि यह समय गुजर जाएगा और जब मंहगाई नियंत्रण में आ जायेगी तो ब्याज दरें भी कम हो जायेंगी।
Mr. Pradeep Aggarwal, Founder & Chairman, Signature Global (India) Ltd. Says on RBI policy review
"The RBI's choice to leave policy rates unchanged is a significant relief for prospective homebuyers, as well as for supply-side stakeholders. The past three quarters have seen a gradual rise in home loan interest rates, causing a significant impact on borrowers as rates have surged to over 9%, marking a 40-50% increase from their historical low. Any additional policy rate hike could push home loan interest rates even closer to the psychological threshold of 10% per annum, creating a substantial impact on buyer sentiments and affordability.
Given the increase in home loan interest rates, we strongly encourage state governments to provide some relief to homebuyers by offering stamp duty rebates or registration fee waivers. Such measures would help mitigate the financial burden on buyers and make homes more affordable for those looking to buy their home."
Translation Hindi:
प्रदीप अग्रवाल, संस्थापक एवं सभापति (फाउंडर एंड चेयरमैन), सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड -
आरबीआई द्वारा पालिसी रेट में कोई बदलाव ना करने का निर्णय संभावित घर खरीददारों के साथ-साथ आपूर्ति पक्ष के हितधारकों के लिए काफी राहत लेकर आया है। पिछले नौ महीनों से होम लोन में अनवरत वृद्धि से उधारकर्ताओं पर काफी असर पड़ा था, क्योंकि दरें ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर से 40 से 50 प्रतिशत बढ़कर 9 प्रतिशत से ज्यादा तक चली गई थीं। एक और वृद्धि ब्याज दर को 10 प्रतिशत वार्षिक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पास ले जाती, जिससे खरीददारों के चाह और वहनीयता दोनों पर काफी असर पड़ता।
होम लोन की बढ़ी हुई ब्याज दरों के मद्देनजर हम राज्य सरकारों से स्टाम्प ड्यूटी या रजिस्ट्रेशन फीस में छूट की राहत प्रदान करने की अपील करना चाहते हैं। इससे खरीददारों पर वित्तीय बोझ में कमी आएगी और जो घर खरीदने की सोच रहे हैं, उनके लिए घर और भी वहनीय हो जायेंगे।
Mr. V Swaminathan, Executive Chairman, Andromeda loans and Apnapaisa.com
The RBI's choice to keep policy rates unchanged will offer relief to borrowers. We are optimistic that this decision will contribute to stabilizing the economy and curbing inflation in the long run, leading to improved overall financial health for the country.
Translation Hindi:
वी स्वामीनाथन, कार्यकारी सभापति (एग्जीक्यूटिव चेयरमैन), ऐंड्रॉमिडा लोन्स और अपनापैसा डॉट कॉम
आरबीआई के पालिसी रेट में बदलाव ना करने के निर्णय से उधारकर्ताओं को राहत मिलेगी। हमें पूरी आशा है कि यह निर्णय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में सहायक के साथ-साथ भविष्य में मंहगाई कम करने वाला सिद्ध होगा, जिससे देश का संपूर्ण वित्तीय स्वास्थ्य सुदृढ़ होगा।
No comments:
Post a Comment