Wednesday, 22 April 2020

'इको-वेंट' पहला भारतीय कोविड-19 स्पेसिफिक वेंटिलेटर


भूतपूर्व संसद सदस्य श्री कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी की महत्वपूर्ण वैश्विक खोज
मुंबई, 22 अप्रैल 2020 :- आविष्कारक, अभियंता, उद्यमी और संसद के भूतपूर्व सदस्य श्री. कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने आज "इको-वेंट" वेंटिलेटर इस महत्वपूर्ण वैश्विक खोज की घोषणा की। “इको-वेंट” को भारत में खास तौर पर कोविड-19 में इलाज के लिए बनाया गया है। इससे दुनिया भर में वेंटिलेटर्स की कमी की समस्या को दूर किया जा सकता है। गंभीर रूप से बीमार हजारों कोविड-19 मरीजों पर इलाज के लिए मैकेनिकल वेंटिलेशन की आवश्यकता है, उनके लिए इन जीवनरक्षक वेंटिलेटर्स को तेजी से उपलब्ध कराया जा सकता है।
इको-वेंट (इंडियन कोविड वेंटीलेटर का संक्षिप्त नाम) के सफल प्रदर्शन और शुरूआत के बारे में  श्री. रेड्डी ने बताया, "इस वेंटिलेटर का सफल विकास वैश्विक चुनौतियों को हल करने की भारतीय अभियांत्रिकी की क्षमताओं को दर्शाता है। नयी संकल्पना के आधार पर बनाया मूल रचना इको-वेंट कोविड-19 स्पेसिफिक वेंटिलेटर के निर्माण में इस्तेमाल किए गए भाग भारत सहित अधिकांश देशों में आसानी से उपलब्ध हैं। इस वेंटिलेटर की रचना जटिल और महंगे सेंसर्स और रेग्युलेटर्स पर आधारित नहीं है। आज दुनिया भर में लाखों वेंटिलेटर्स की आवश्यकता है और वर्तमान मैन्युफैक्चरर्स को पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करना संभव नहीं है, हमें यकीन है कि तेजी से विनिर्माण किए जाने योग्य पहला कोविड-19 स्पेसिफिक वेंटिलेटर इको-वेंट इस कमी को दूर करने में मददगार बनेगा। यह वर्तमान समय की जरुरत है और यह अविष्कार मानवता के लिए हितकारी हो यह सुनिश्चित करने पर मैंने अपना ध्यान केंद्रित किया है।" 
अभूतपूर्व कोविड-19 के प्रकोप ने दुनिया भर की स्वास्थ्य रक्षा व्यवस्थाओं की कमियों को खोल कर रख दिया है। यह रोगाणु मानवी शरीर की श्वसन प्रणाली को  प्रभावित करता है जिससे सांस लेने में असमर्थता (एआरडीएस - एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) होने का गंभीर खतरा होता है। दुनिया भर की सरकारों और स्वास्थ्य सेवाओं को अचानक से पता चला कि उन्हें कोविड-19 स्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में वेंटिलेटर्स की आवश्यक है, लेकिन कोविड-19 से पीड़ित मरीज पर हर एक वेंटिलेटर काम नहीं कर सकता। इस वजह से वेंटिलेटर्स को डिज़ाइन करने और उनके विनिर्माण के लिए दुनिया भर में तेजी से दौड़ शुरू हुई।
लेकिन कोविड-19 मरीजों की गंभीर देखभाल में सभी वेंटिलेटर्स, मैकेनाइज्ड एएमबीयू बैग्स, सीपीएपी मशीन, बीआईपीएपी मशीनें काम नहीं कर सकती हैं। यूके, कनाडा और अन्य सरकारों ने कोविड-19 स्थिति से निपटने के लिए "तेजी से विनिर्माण किए जाने योग्य वेंटिलेटर के लिए न्यूनतम क्लिनिकल रूप से स्वीकृत निकषों" के विनिर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार भी इसी तरह के विशेषताओं के विनिर्देशों को लाने की प्रक्रिया कर रही है।  इको-वेंट इन विशेषताओं को पूरा करता है। प्रौद्योगिकी और कार्य (फंक्शन) के लिए पेटेंट के लिए पहले ही आवेदन किया गया है।
आईसीयू में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पारंपरिक वेंटिलेटर्स की कमियों को इको-वेंट में दूर किया गया है। कई अन्य वेंटिलेटर्स, खास कर जो मैकेनाइज्ड एएमबीयू बैग्स पर आधारित हैं, के कोविड-19 मरीजों पर इस्तेमाल से कोई भी क्लिनिकल लाभ नहीं मिलते, दूसरी ओर वे फेफड़ों को वेंटिलेटर प्रेरित चोटों का कारण बन सकते हैं और स्वास्थ्य सेवा प्रोफेशनल्स को बहुत बड़े खतरे में डाल सकते हैं क्योंकि उनके ऑपरेशन से आईसीयू वातावरण में बहुत बड़ा वायरल बोझ निर्माण हो सकता है।  अन्य देशों में कई स्वास्थ्य कर्मचारियों ने इस वायरल लोड के कारण दम तोड़ दिया है।
कोविड-19 और एआरडीएस मरीजों के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किए गए इको-वेंट से इंटेंसिव केयर स्पेशलिस्ट या पल्मोनोलॉजिस्ट को फेफड़ों की इलैस्टिसिटी या कम्प्लायंस के अनुसार सटीक मात्रा में इंस्पिरेशन और एक्सपिरेशन प्रेशर पर हवा और ऑक्सीजन की सही मात्रा देने में मदद मिलती है।

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