मुंबई, 26 जून,
2020:आनंदसागरकेरामायणनेदर्शकोंकामनोरंजनदंगलचैनलपरबनाएरखाहै।पौराणिकशोनेदोटेलीविजनसितारों, गुरमीतचौधरीऔरदेबिनाबोनर्जीकोजन्मदियाजोअपनेआन्स्क्रीनअवतारभगवानरामऔरमाँसीताकेलिएजानेजातेहै|
सेटसेएककिससेकेबारेमेंपूछेजानेपर, देबिनानेकहाकि"शूटकेदोखूबसूरतवर्षोंकोसंक्षेपमेंप्रस्तुतकरनामुश्किलहैक्योंकिहरपलयादगारथा।अबइसशोकोदेखनाएकखूबसूरतस्मृतिकीतरहहै।मुझेस्पष्टरूपसेयादहैकिजबमैंनेपहलीबारसीताकेरूपमेंऔरएकवनवासीकेरूपमेंकपड़ेपहने, तबवहाँवैनिटीवैनकीकमीथीऔरगर्मीकाफ़ीज़्यादाथी - परयहकभीभीतकलीफ़केतौरपरनहींदेखागयाथाक्योंकिवहहमारापहलाकामथा।अबजबसभीसेटपरमौजूदवैनिटीवैनदेखतीहूँ, तोयहमुझेएकलक्जरीलगताहै, जोहमारेपासनहींथा, फिरभीहमइसतरहकाएकशानदारशोबनानेमेंकामयाबरहे।हमव्यावहारिकरूपसेएकवास्तविकजंगलकेअंदरशूटिंगकरतेथे, जहांहमेंचलकरजानापड़ताथा, वहांजंगलकेबीचमेंएकवैनिटीवैनहोनाअसंभवथा।"
देबिनानेअपनेहिंदीउपन्यासपरकामकरनेकेबारेमेंबातकरतेहुएकहा, “मुझेभाषाकाइस्तेमालकरनेमेंकुछमहीनेलगगएक्योंकिहमहिंदीमेंबोलतेथेऔरचरित्रमेंएकअलगतरहकीबॉडीलैंग्वेजथी।शुरूमें, मैंबसहंसतीरहतीथीक्यूँकियहसबमेरेलिएबहुतनयाथा।”
देबिनानेइसशोकेलिएदिनमेंलगभग 17-18 घंटेशूटिंगकी।वहकहतीहै, "यहमेरेस्वास्थ्यपरकोईअसरनहींडालताथाक्योंकिहमसभीयुवाथे।जबआपअपनीनौकरीसेप्यारकरतेहैंतोमुझेनहींलगताकिसमयकीबातहोनीचाहिए। "
आनंदसागरकारामायणएकबारफिरसेलाखोंदर्शकोंकामनोरंजितकररहाहै।
वादोंऔरविचारधाराओंकेमहाकाव्यरामायणकोहरशाम 7.30 बजेऔरफिर
9.30 बजे, केवलदंगलचैनलपरप्रसारितकियाजाताहै।
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