एण्डटीवी के 'येशु' में ‘मेरी‘ के रूप में दिखेंगी सोनाली निकम
टेलीविजन इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री, सोनाली निकम दो साल के अंतराल के बाद भारतीय टेलीविजन पर वापसी करने के लिए बिलकुल तैयार है। वह एण्डटीवी के आगामी शो येशु में ‘मेरी‘ का किरदार निभाएंगी। इससे पहले इस बहुप्रतिभाशाली अभिनेत्री ने विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई है। सोनाली निकम ने कहा, श्येशु की मां ‘मेरी‘ का किरदार एक महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने अपने बेटे की बहुत अच्छी तरह से परवरिश की थी और उनके जीवन का सही उद्देश्य समझाने के लिए हमेशा उनका मार्गदर्शन किया। वह बेहद धीरज वाली, शांत, सच्चे मन वाली और निःस्वार्थ है तथा अपने बेटे को लेकर बहुत ज्यादा प्रोटेक्टिव है। उन्हें हमेशा एक अच्छी मां होने और शांतिपूर्ण तरह से प्यार फैलाने के लिए याद किया जाता है। मेरी एक बहादुर महिला है जिसकी भगवान में अटूट आस्था है। वह ईश्वर पर बहुत ज्यादा विश्वास करती है। पूरी जिंदगी वह हमेशा सच्चाई की राह पर चली हैं और जिंदगी को एक मिसाल बनाने में विश्वास करती हैं। अपने बचपन से लेकर मां बनने तक, मेरी को हर पल को संजोते हुए देखा गया और वह न सिर्फ एक मां की तर, बल्कि एक पत्नी की तरह भी सभी अपेक्षाओं को पूरा करती रहीं।श् सोनाली ने आगे कहा, श्इस भूमिका को निभाने के लिए चुना जाना मेरे लिए एक बहुत बड़ी बात है। अब तक मैंने जितनी भी भूमिकाएं निभाई है यह उन सबसे बिलकुल अलग है। उनके किरदार के कई पहलू हंै। वह अपने माता-पिता के लिए कर्तव्यनिष्ठ बेटी है, अपने चचेरे भाई के लिए एक अच्छी दोस्त हैं, जोसफ के प्रति एक वफादार और प्यारी पत्नी है, और अपने बेटे येशु के लिए एक मार्गदर्शक है। येशु की कहानी अच्छाई बनाम बुराई के बीच की सिर्फ एक आदर्श कहानी ही नहीं है, बल्कि यह येशु और उनकी समर्थक एवं मार्गदर्शक बनीं उनकी मां के बीच के खुबसूरत रिश्ते को भी दर्शाता है। यह भूमिका एक पुरस्कार की तरह और एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। मैं इसका बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।श्
एण्ड टीवी पहली बार हिंदी जीईसी के क्षेत्र में, येशु की अनकही, अनसुनी कहानी को लेकर आ रहा है। इसे अरविन्द बब्बल प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रोड्यूस किया गया है। येशु विशेष रूप से एक परोपकारी बच्चे की कहानी है जो सिर्फ अच्छाई करना चाहता है और अपने आसपास खुशियां फैलाता है। सभी के लिए उसका प्यार और करुणा उन बुरी, शैतानी शक्तियों के लिये बिल्कुल विपरीत हैं, जो उनके जन्म और बचपन के दौरान मौजूद थीं। अपनेे परिवार और समाज पर होने वाले अत्याचारों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। दूसरों की मदद करने और उनके दर्द को कम करने की कोशिश अक्सर उन्हें उस राह पर ले जाती थी जहां वह निश्चित रूप से आहत होते थे और न सिर्फ उत्पीड़कों बल्कि एक बड़ी संख्या में लोगो द्वारा भी उनकी निंदा की जाती थी। लेकिन आखिरकार ये चीजें भी उन्हें उनके रास्ते पर चलने से नहीं रोक पाईं।
और ज्यादा जानने के लिये देखिये ‘येशु‘ बहुत जल्द एण्डटीवी पर!
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