एण्डटीवी के कलाकारों ने सभी को ‘मकर संक्रांति’ की शुभकामनाएं दीं
एण्डटीवी के कलाकारों ‘भाबीजी घर पर हैं’ की अनिता भाबी (नेहा पेंडसे) और मनमोहन तिवारी (रोहिताश गौड़), ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ की संतोषी मां (ग्रेसी सिंह), ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ की गुड़िया (सारिका बहरोलिया) और ‘हप्पू की उलटन पलटन’ के हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी), अपने चाहने वालों और दर्शकों को ‘मकर संक्रांति’ (इसे माघी के नाम से भी जाना जाता है) की शुभकामनाएं दे रहे हैं। नेहा पेंडसे कहती हैं, ‘मकर संक्रांति’ मुझे मेरे बचपन के दिनों की याद दिलाता है, जहां हम अक्सर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को यह कहते हुए मिठाई देते हैं, ‘तिल गुड़ घ्या गुड़-गुड़ बोला’। दूसरे शब्दों में कहें तो, तिल और गुड़ से बने लड्डू जीवन में मिठास और खुशियां लेकर आते हैं। इस त्यौहार से जुड़ी एक और भी बहुत अच्छी याद है, जहां मैं अपनी आजी के हाथों से बनी पूरन पोली का लुत्फ उठाती थी।’’ वह आगे कहती हैं, ‘‘इस त्यौहार के दौरान तिल, गुड़ और बेसन को मिलाकर खाने का कारण यह भी है कि यह सर्दियों में हमारे शरीर को गर्म रखता है और खुशहाली लेकर आता है। इस मौके पर मैं सबको ‘मकर संक्रांति’ की शुभकामनाएं देना चाहूंगी। मेरी यही कामना है कि यह त्यौहार सबके जीवन को रोशन करे और इसे खुशहाली से भर दे।’’ रोहिताश गौड़ शुभकामनाएं देते हुए कहते हैं, ‘‘2020 हम सभी के लिए एक मुश्किल साल रहा है और हमें इस साल की हंसी-खुशी के साथ शुरूआत करनी चाहिए, जहां हम अपनों की सुरक्षा के लिये कामना करें और उम्मीद रखें। मैं सबको ‘मकर संक्रांति’ की शुभकामनाएं देता हूं! यह त्यौहार सूर्य देवता के लिये होता है। हर सुबह की तरह मैं इस दिन भी सूर्य देवता को जल अर्पित करूंगा और अपने परिवारवालों के साथ मिलकर सुबह की प्रार्थना करूंगा। इस साल भी यह पूजा उसी तरह जारी रहेगी।’’ सारिका बहरोलिया कहती हैं, ‘‘मकर संक्रांति’ मुझे ग्वालियर के अपने पुराने दिनों की याद दिलाता है, जब मैं सुबह जल्दी उठा करती थी, तिल उबटन लगाकर नहाती थी और सूर्य देव की पूजा करती थी। सुबह के लजीज नाश्ते के बाद हम दोपहर के खाने में खिचड़ी और तिल व मूंगफली से बने लड्डू खाते थे। इसके बाद हम सारे भाई-बहन मिलकर छत पर पतंग उड़ाने का काॅम्पीटिशन करते थे। शाम मूंग पकौड़े के साथ या हम जिसे मंगोड़ा कहते हैं, उस पर खत्म होती थी। उसके साथ होती थी पुदीने और हरे धनिये की चटनी। मुंबई में यहां मैं खिचड़ी वाली परंपरा को निभाने की कोशिश करती हूं और स्वादिष्ट स्नैक्स तैयार करती हूं। मैं आप सभी को ‘मकर संक्रांति’ की शुभकामनाएं देती हूं।’’ गे्रसी सिंह कहती हैं, ‘‘भारत के अलग-अलग हिस्सों में ‘मकर संक्रांति’ का त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार एक साथ मिलकर नयी फसल का स्वागत करने का त्यौहार होता है। मेरे लिये इस त्यौहार का मतलब है बीती बातों को पीछे छोड़ो, लोगों को माफ करो और तिल-गुड़ की मिठास के साथ एक बिलकुल नई शुरूआत करो। मैं सबसे कहना चाहूंगी कि आप भी ऐसा करें और इस ‘मकर संक्रांति’ नई ऊर्जा के साथ नई शुरूआत करंे।’’ योगेश त्रिपाठी ने हमें बताया, ‘‘मेरे शहर में, हम ‘मकर संक्रांति को खिचड़ी या खिचेरी के रूप में मनाते हैं। साथ ही इसे कुंभ मेले की शुरूआत भी माना जाता है। मुझे यह त्यौहार मनाना पसंद है, क्योंकि मुझे मीठे और चटपटे पकवान अच्छे लगते हैं। व्रत खोलने के बाद मैं खूब जमकर चिक्की और गजक खाता हूं। त्यौहार की रौनक लोगों को घर की याद दिलाती है, क्योंकि इस तरह के त्यौहार तो अपने परिवार के साथ मनाना ही सबसे अच्छा लगता है। सबको ‘मकर संक्रांति’ की हार्दिक शुभकामनाएं।’’
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