Thursday, 29 September 2022

विश्व हृदय दिवस: CPR को लेकर आईसीआईसीआई लोम्बार्ड का खास अभियान, हार्ट अटैक में कैसे साबित हो सकता है जीवन रक्षक


बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी बने कैंपेन के नायकलोगों से CPR को लेकर गलत धारणाएं दूर करने की अपील की

मुंबईसितंबर 29, 2022:  हर साल करीब 17 मिलियन यानी 1.7 करोड़ लोगों की मौत हृदय से जुड़ी बीमारी के चलते हो रही है। लगभग 80-82 फीसदी  कार्डियक अरेस्ट अस्पताल के बाहर होता है। ऐसी स्थिति गंभीर होती है और हर मिनट की देरी पर जान बचने की संभावना 7-10 फीसदी कम हो जाती है। कुछ देशों में सीपीआर के बढ़ते चलन से यह पाया गया है कि 40-60 फीसदी लोगों को कार्डियक अरेस्ट के बाद बचाया जा सकता है। भारत की बात करें तो यहां 2 फीसदी से भी कम आबादी को सीपीआर में प्रशिक्षित किया जाता हैजबकि 30 फीसदी को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। भारत की प्रमुख निजी गैर-जीवन बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने अपने नए डिजिटल अभियान #LearnCPRSaveALife के आधार के रूप में इस गंभीर वास्तविकता को उठाया है। अभियान का उद्देश्य सीपीआर के बारे में भ्रांतियों को दूर करना और इस बेसिक लाइफ स्किल यानी बुनियादी जीवन कौशल के बारे में जागरूकता पैदा करना है

अभियान के लिए अभिनेता इमरान हाशमी को चुना गय

ब्रॉन्‍ड ने इस अभियान के लिए भारतीय फिल्म अभिनेता इमरान हाशमी को चुना हैजिन्हें बॉलीवुड में 'सीरियल किसरके रूप में जाना जाता है। उन्हें इस मिथक को तोड़ने में मदद करने के लिए चुना गया है कि सीपीआर चुंबन के समान नहीं है। अभियान किसी के जीवन को बचाने में सीपीआर के महत्व को बताता है और यह बताता है कि यह किसी भी तरह का रोमांटिक हाव भाव नहीं है। महत्वपूर्ण जीवन रक्षक कौशलसीपीआर को सिखाने के लिए इस अभियान में मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा एक ट्यूटोरियल भी शामिल है

5-10 मिनट के अभ्यास से सीख सकते हैं सीपीआ

अलग अलग रिपोर्ट से पता चलता है कि कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) - एक जीवन रक्षक तकनीक हैजिसका उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को बचाने के लिए किया जाता है जिसकी सांस या दिल की धड़कन रुक गई है। यह तरीका  5-10 मिनट के अभ्यास से सीखा जा सकता है और यह किसी के जीवन को बचाने में काम  सकता है। फिर भी, 98 फीसदी भारतीय इस तकनीक से अनजान हैं। गलत धारणाओं के कारण सीपीआर के प्रति उदासीनता ज्यादा हैजिस वजह से बहुत से लोग इसे सीखने की कोशिश नहीं करते हैं या पर्याप्त रूप से आश्वस्त होने का प्रयास नहीं करते हैं

भारत में तेजी से बढ़ रही हैं हृदय से जुड़ी बीमारियां

इस कैंपेन के मौके पर आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की हेड-मार्केटिंगकॉरपोरेट कम्युनिकेशन एंड  सीएसआरशीना कपूर ने कहा कि आज के समय मेंहृदय से जुड़ी बीमारियां और मौतें खतरनाक दर से बढ़ रही हैं। कई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक भारत में हृदय से जुड़ी बीमारियों के चलते सबसे ज्यादा मौतें होंगी। दिल का दौरा पड़ने के अधिकांश मामलों में इसे पहचानने और उन महत्वपूर्ण सेकंडों में सीपीआर करने में देरी के कारण सर्वाइवल रेट बिगड़ रहा है.

सीपीआर के बारे में बहुत कम लोगों को जानकार

उनका कहना है कि भारत में एक छोटी सी ही आबादी सीपीआर तकनीक को जानती या समझती है क्‍योंकि माउथ टु माउथ किस के चलते बहुत से लोग इसे पूरी तरह से गलत समझते हैंइसी वजह से हमने इस अभियान को शुरू किया हैअधिकांश फिल्मों में सीपीआर के दृश्यों को दिखाया गया हैलेकिन इससे भी खास मदद नहीं मिली हैऔर वास्तव मेंइसकी स्थापना के विरोध में रोमांस में स्थापित होने की झूठी तस्वीर को कायम रखा है

एक प्रमुख प्राइवेट जनरल इंश्योरर यानी सामान्य बीमाकर्ता के रूप मेंहम सीपीआर के तरीके सीखने और इसकी आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डालना चाहते थे। हमें खुशी है कि इमरान हाशमी इसके लिए मुख्य नायक की भूमिका निभा रहे हैंजिससे यह अभियान और इसे लेकर संदेश मजबूती से लोगों तक पहुंचा है। हम मानते हैं कि वह सीपीआर से जुड़े मिथकों को दूर करने और जरूरत के महत्वपूर्ण समय में किसी को बचाने की क्षमता पर जोर देने के लिए सही तरह से फिट हैं। सीपीआर एक किस नहीं बल्कि एक किस ऑफ लाइफ है।  

अधिक जागरूकता की आवश्यकता

अभिनेता और बॉलीवुड सेलिब्रिटी इमरान हाशमी ने इस मौके पर कहा कि जब मैंने सीपीआर के बारे में लोगों की सामान्य भ्रांतियों के बारे में सुना तो हैरानी हुई। हमें इस मोर्चे पर अधिक जागरूकता की आवश्यकता है क्योंकि यह जीवन से संबंधित है और यह एक जीवन रक्षक तकनीक है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के साथ साझेदारी करकेसीपीआर के बारे में शायद सबसे बड़े मिथक को खत्म करने के लिए देश को शिक्षित करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

सीपीआर को लेकर दूर हो भ्रांतिया

उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह से चुंबन या रोमांटिक हाव भाव नहीं बल्कि एक

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