मुंबई, १६ दिसंबर, २०१९ : पिछली बार कब भारतीय सिनेमा में युद्ध विरोधी फिल्म देखी गई? हमें कब एक सैनिक के मानसिक स्वास्थ्य को दर्शाती फिल्म देखने का मौका मिला? फिल्म बंकर में भारत की पहली युद्ध विरोधी फिल्म के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है जो कश्मीर के पुंछ में एलओसी पर तैनात लेफ्टिनेंट विक्रम सिंह को दर्शाती है जो सीज़फायर (युद्धविराम) उल्लंघन के दौरान एक गुप्त बंकर में मोर्टार शेल से गंभीर रुप से ज़ख्मी होने के बावजूद अकेला ज़िंदा रहता है। ये फिल्म देश की सुरक्षा में सीमा पर तैनात जवानों से प्रेरित है और इसे विभिन्न फिल्म फेस्टिवल में व्यापक तौर पर सराहा गया है। इसे पर्दे पर उतारा है लेखक- निर्देशक जुगल राजा ने। अभिजीत सिंह और अरिंदिता कालिता की मुख्य भूमिका में है। इस फिल्म को वैगिंग टेल द्वारा प्रस्तुत किया गया है। “बंकर” का ट्रेलर १७ दिसंबर को प्रदर्शित होगा ।
“बंकर” फिल्म कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सामने लाती है जैसे सैनिकों के परिवारों की मानसिक दशा और उनके आपसी रिश्ते और किस तरह सीमा पर तनाव की सबसे बड़ी कीमत एक जवान और उसके परिवार को चुकानी पड़ती है। बंकर १७ जनवरी २०२० को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।
वैगिंग टेल एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत और फाल्कन पिक्चर्स प्रोडक्शन द्वारा निर्मित फिल्म बंकर की टीम द्वारा “लौट के घर जाना है” इस गाने को लॉन्च किया गया जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित गायिका रेखा भारद्वाज ने अपनी दिल छू लेनेवाली आवाज़ में गाया है।
इस फिल्म के बारे में जानकारी देते हुए लेखक- निर्देशक जुगल राजा ने कहा, “जंग कोई भी नहीं जीतता। चाहे जवान हमारी तरफ का हो या दूसरी तरफ का, हमेशा जवान का परिवार ही नुकसान सहता है। ये फिल्म और गाना सैन्य जीवन की इस वेदना पर प्रकाश डालते हैं। फिल्म का ९५ फीसदी हिस्सा १२ x ८ फीट के बंकर में शूट किया गया है। सैनिक के दिमाग के लिए बंकर को लाक्षणिक तौर इस फिल्म में इस्तेमाल किया गया है जो हमेशा अपने देश के प्रति कर्तव्य और अपने परिवार के प्रति कर्तव्य को लेकर संघर्ष की स्थिति में रहता है। “ लेह से लेकर उत्तर पूर्व में तवांग तक यात्रा के दौरान सैनिकों से मिलकर उनसे बातचीत कर मैंने महसूस किया कि उनके परिवार भी अपनी ही तरह से जंग लड़ रहे थे और किसी भी तरह वो एक सैनिक से कम नहीं हैं।”
फिल्म में लेफ्टिनेंट विक्रम सिंह की प्रमुख भूमिका निभानेवाले अभिजीत सिंह ने जोड़ते हुए कहा, “बंकर एक ऐसी फिल्म है तो प्रत्येक सैनिक की जीवनी है जिनका नाम आपने जीवन में कभी नहीं सुना होगा। ये उन सभी लोगों की कहानी है जो एक में पराकाष्ठा तक पहुंचती है। विक्रम सिंह एक सामान्य आदमी है जिसके पास एक बेहद मुश्किल जिम्मेदारी है। वो कोई सुपरहीरो नहीं है ये वो आदमी है जो किसी सुपरहीरो के ठीक पीछे खड़ा होता है। ये किसी भी सपोर्टिंग कैरेक्टर की कहानी हो सकती थी जिस, आपने अब तक सेना पर बनी फिल्मों में देखा होगा। इसमें मानवीय तत्व बेहद वास्तविक और सच्चे थे।”
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