After completing ten successful editions of the weekly webaithaks features every Friday , 8:00 pm on Pracheen Kala Kendra's Facebook and Twitter Page and also on its official YouTube Channel.
11th edition broadcasted live today featured a solo recital by Satpiner Singh , an extremely talented young Tabla player of Punjab Gharana . He learnt tabla from famous Tabla Exponent of Patiala Prof. Jagmohan Sharma. Todays programme was dedicated to Legendary Pt. Jasraj ji .
Satpinder Singh Saffie , a young talented artist from Patiala . He learnt Gurmat Sangeet and Tabla from his Guru noted artist of Punjab Gharana Prof. Jagmohan Sharma. He is winner of many accolades. Presently he is working as Assistant Professor in Khalsa College Patiala.
Beginning with traditional starting point Peshkar, Satpinder gradually unfolded crisp kaidas with rhythmic variations almost all the different idioms of Tabla playing within the frame of the 16-beat cycle of the taal. Young percussionist displayed famous Punjab Gharana kaidas relas etc with superb clarity. He also presented some compositions of his Guru in Khand, misher and tiser jaati . He concluded his recital with traditional and famous bandishes of his Gharana. He was ably accompanied by Tejinder singh on harmonium.
तबले की थाप से सजी केंद्र की 11 साप्ताहिक वेबबैठक
कोविड के इस कठिन समय में लोगों को संगीत से सराबोर करके कला और कला प्रेमियों के बीच का माध्यम बनकर प्राचीन कला केंद्र समाज के प्रति अपने फ़र्ज़ को बखूबी अदा कर रहा है । इस मुश्किल दौर में जहाँ हर जगह डर और परेशानी का माहौल है वहीँ प्राचीन कला केंद्र संगीत के द्वारा लोगों को इस दौर से निकलने में मदद कर रहा है । इसी कड़ी में प्राचीन कला केंद्र की 11 ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया जिस में पंजाब घराने के बेहद युवा कलाकार सतपिंदर सिंह का तबला वादन पेश किया गया । इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण केंद्र के अधिकृत यूट्यूब चैनल , फेसबुक और ट्विटर पेज पर किया गया । आज की वेबैठक को संगीत जगत के जाने माने शास्त्रीय गायक स्वर्गीय पंडित जसराज जी को समर्पित किया गया । अभी हाल ही में पंडित जसराज दुनिया और संगीत जगत को अलविदा कर चुके हैं उनके न रहने से संगीत जगत को वह अपूर्णीय क्षति हुई है जिसे भरा नहीं जा सकता ।
सतपिंदर प्राचीन कला केंद्र से भास्कर का डिप्लोमा कर चुके हैं और गत वर्ष उन्हें केंद्र द्वारा भास्कर में गोल्ड मैडल से नवाज़ा गया था , सतपिंदर ने संगीत की शिक्षा प्रो जगमोहन शर्मा से प्राप्त की है आजकल सतपिंदर खालसा कॉलेज पटिआला में बतौर अस्सिटेंट प्रोफेसर कार्यरत हैँ। संगीत के क्षेत्र में उन्होंने बहुत से सम्मान प्राप्त किये हैं और अपनी कला प्रतिभा से संगीत जगत में नए आयाम स्थापित करने में अग्रसर हैं ।
आज के कार्यक्रम का आरम्भ सतपिंदर ने तीन ताल में निबद्ध पेशकर से किया उपरांत उन्होंने ने तिस्र जाति में एक कायदा पेश किया । इसके पश्चात सतपिंदर ने पंजाब घराने के कुछ और प्रसिद्द कायदे पेश किये। साथ ही अपने गुरु के बनाये हुए खंड़जाति एवं मिश्र जाति से सजे कायदे प्रस्तुत किये , कार्यक्रम के अगले भाग में उन्होंने रेले पलटे आदि का प्रदर्शन किया । कार्यक्रम का समापन उन्होंने रेले पलटे आदि का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया । कार्यक्रम का समापन पर सतपिंदर ने पंजाब घराने की कुछ पारम्परिक रचनाएँ पेश की और अपनी कला और साधना का सधा हुआ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया
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