प्रमुखतथ्य:
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पहलेसेआवंटितकोयलाब्लॉकोंकीन्यूनतमक्षमता2030मेंअपेक्षितमांगकीतुलनामेंलगभग15से20%अधिकहै
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आवश्यकतासेज़्यादाकोयलाउत्पादनबढ़ानेसेअधिकआपूर्तिकेकारणवित्तीयतनावपैदाहोगाऔरफंसीहुईसंपत्तिमेंबदलजाएगा
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भारतसरकारकोयलेकेआयातकोसमाप्तकरनेकेलिएमौजूदाखानोंमेंकोयलाकाउत्पादनबढ़ासकतीहै
कोयलेकेव्यावसायिकउपयोगकेलिएनिजीकंपनियोंकोकोयलाब्लॉककीनीलामीकरनेकीकेंद्रसरकारद्वाराहालहीमेंकीगईघोषणानेविभिन्नहितधारकोंसेमिश्रितप्रतिक्रियाएँहैं ।कुछनेइसेएककाफीसमयसेप्रतीक्षितप्रमुखसुधारकहा।परन्तु,
झारखंड, छत्तीसगढ़औरमहाराष्ट्रकीराज्यसरकारोंनेपत्रयाकानूनीचुनौतीकेमाध्यमसेअपनीचिंतादर्जकरकेनीलामीकाविरोधकिया।कोयलाखदानयूनियनोंनेकोलइंडियालिमिटेड
(CIL)
परनकारात्मकप्रभावकेडरसेनिजीकरणकाविरोधकिया।
पर्यावरणविदोंऔरमानवाधिकारसमूहोंनेचिंताव्यक्तकीकिकोयलाखननकेविस्तारसेहजारोंहेक्टेयरसेअधिकवनभूमिनष्टहोसकतीहैऔरभारतकेअंतिमशेषजंगलमेंस्वदेशीलोगोंकाविस्थापनहोसकताहै।
इनब्लॉकोंकीनीलामीकामुख्यकारण
"बढ़तीमांगकोपूराकरनेऔरदेशकीआयातनिर्भरताकोकमकरनेकेलिएघरेलूकोयलाखननक्षमतामेंविस्तारकीआवश्यकता"
बतायागयाहै।
यहदेखतेहुएकिदेशएकवर्षसेअधिकसमयसेआर्थिकसंकटसेगुजररहाहैऔरकोविड-19
कीस्थितिनेइसेऔरकठिनबनादियाहै,
भारतमेंकोयलेकेआयातमेंकमीआनेसेराजकोषपरदबावकमकरनेमेंमददमिलेगी।इसकेबावजूदयहसमीक्षाकरनामहत्वपूर्णहैकिक्याकोयलाखदानकाविस्तारअर्थव्यवस्थाकोजंपस्टार्ट/शुरूकरनेकासबसेअच्छातरीकाहै।
तर्ककोबेहतरढंगसेसमझनेकेलिए,
हमकोलइंडियालिमिटेडऔरसेंट्रलइलेक्ट्रिसिटीअथॉरिटीद्वाराविभिन्नकोयलामांगअनुमानोंकोदेखनेकाप्रयासकरें।
2017 मेंCIL
द्वारानिर्मितकोलविज़न2030[1]केअनुसार, 2020 मेंभारतमेंकुलकोयलेकीमांग900-1,000
MTPA (मिलियनटनप्रतिवर्ष) और2030
तक1,300-1900 MTPA होनेकीउम्मीदहै।कोयलेकीमांगकेस्पेक्ट्रमकाऊपरीसिरासकलघरेलूउत्पादकीवृद्धिदर8
प्रतिशत[2]सेमेलखाताहै।कोयलेकीमांगकेस्पेक्ट्रमकानिचलाछोरएकऊर्जाकुशलपरिदृश्यसेमेलखाताहै।दस्तावेजमेंयहभीउल्लेखकियागयाहैकि2030मेंसमग्रथर्मलकोयलेकीमांग1,150–1,750
MTPA होनेकाअनुमानहैऔरशेषराशिकोकिंगकोलकीमांगहै।
रिपोर्टमेंआगेकहागयाहैकि2017 मेंआवंटित / नीलामीकीगईकुलखदानोंकीकुलक्षमता (कोलइंडियालिमिटेड,
सिंगारेनिकोलियरीजकंपनीलिमिटेडऔरनेवेलीलिग्नाइटकॉरपोरेशनसहित)
मौजूदारेटेडक्षमतापरलगभग1,500 MTPA है।संभावितमांग (बेसकेसपरिदृश्य) केमद्देनजर,
पहलेसेनीलाम / आवंटितकिएगएकोयलाखदानोंकेआलावानईकोयलाखदानेंशुरूकरनेकीसीमितआवश्यकताहै।
(चित्र1)
चित्र1:
आजतकआवंटित / नीलामकीगईखदानोंकीकुलक्षमता (CIL,
SCCL औरNLCIL
सहित) वर्तमानरेटेडक्षमता (कोयलाविज़न2030)
मेंलगभग1,500 MTPA है
इसकेअलावा,
वित्तवर्ष2018-19 केलिएकोयलाउत्पादनऔरआयात964 मीट्रिकटनऔरकोयलेकाउठाव911 मीट्रिकटनरहा, जिसकीतुलनामेंपिछलेदोदशकोंमेंCIL द्वाराकोयलाउत्पादनपहलीबारगिरगयाहै,
उम्मीदहैकिवित्तवर्ष2020 केलिएकुलकोयलाउठावसपाटरहा।
सेंट्रलइलेक्ट्रिसिटीअथॉरिटी
(CEA)
द्वाराजारीएकअन्यरिपोर्ट, ऑप्टिमलजनरेशनकैपेसिटीमिक्स2029-30[3], नेउल्लेखकियाकि, “कोयलाबिजलीसंयंत्रोंसेसकलउत्पादनवर्ष2029-30[4]केलिए1358 BU होनेकाअनुमानहै।वर्ष2029-30 केलिएकोयलेकीआवश्यकताकोविशिष्टकोयला0.65
kg/kWh + 1% परिवहनहानिपरविचारकरतेहुएलगभग892
मिलियनटनअनुमानितकियागयाहै।”
कोलविजन2030
यहभीनोटकरताहैकि, "कुलकोयलामांगकेलगभग70 प्रतिशतकेसाथबिजलीक्षेत्रप्रमुखउपभोक्ताखंडबनाहुआहै।" दस्तावेज़मेंआगेकहागयाहै,
"2030 तकगैर-विनियमितक्षेत्रसेकोयलेकीमांगमेंअनुमानितवृद्धि~
6% CAGR (चक्रवृद्धिवार्षिकवृद्धिदर),
विनियमितक्षेत्रमेंअनुमानितमांगवृद्धि (~
3% CAGR) सेअधिकहै।तथापि,
विनियमितक्षेत्रदो-तिहाईयोगदानकेसाथसबसेबड़ाकोयलाउपभोक्ताबनारहेगा।
"
उपरोक्तसंख्याओंकेआधारपरयहस्पष्टहैकिवित्तवर्ष2029-30
मेंकुलकोयलेकीआवश्यकता1188 से1273 मिलियनटन (MT)[5]कीसीमामेंहोनेवालीहै।
ऊपरकीगणनाकीगईकोयलेकीमांग1300
मीट्रिकटनकेनीचेआतीहै, जोकिCEA द्वाराऑप्टिमलजनरेशनकैपेसिटीमिक्स2020-30
केतहत, सबसेव्यवहार्यपरिदृश्यकेहिसाबसेकोयलेकीमांगकेसमानहै।
कोलइंडियालिमिटेड,
सिंगारेनिकोलियरीजकंपनीलिमिटेडऔरकैप्टिव (बंदी) कोलब्लॉकसहितअन्यसंस्थाओंकोआवंटितकोयलाखदानेंकेहिसाबसेभारतमेंवर्तमानमें1500
मीट्रिकटनसेऊपरकीक्षमताहै, इसलिएपहलेसेआवंटितब्लॉकोंकीन्यूनतमक्षमता2030
मेंअपेक्षितमांगकीतुलनामेंलगभग15
से20% अधिकहै।यहनएकोयलाब्लॉकोंकीआवंटितयानीलामीकरनेकीआवश्यकतापरएकप्रश्नउठाताहै।
CIL कावर्तमानउत्पादनवित्तवर्ष2019-20 केलिएलगभगएकबिलियनटन (BT) कीखननक्षमताकेमुकाबले602 मीट्रिकटनपरहै, अगरअगले10 वर्षोंमेंCIL काउत्पादनसालदरसाल5% बढ़ताहै, तोभारतमें~ 400 मीट्रिकटनअतिरिक्तकोयलाCIL द्वाराहोगाऔरराज्यऔरनिजीसंस्थाओंकेसाथऔर500
मीट्रिकटनक्षमताजोवित्तवर्ष2019-20 मेंलगभग60 मीट्रिकटनहै।यहक्वांटमअगलेदशकमेंआयातनिर्भरताकीजगहलेतेहुएभारतमेंकोयलेकीमांगमेंवृद्धिकोपूराकरनेकेलिएपर्याप्तहै।
इसलिएउपरोक्तअनुमानोंसेयहस्पष्टहैकिभारतमेंपहलेसेही2030
तकखननकेलिएपर्याप्तभंडारहैऔरयदिCIL,
अन्यसार्वजनिकउपक्रम (PSU), कैप्टिव (बंदी) निजीऔरनिजीवाणिज्यिककोयलाखनन,
सभीअगलेतीनसेपांचवर्षोंमेंअपनेकोयलाउत्पादनमेंवृद्धिकरतेहैंतोकोयलाखननक्षेत्रबड़ेपैमानेपरओवरसप्लाई
(अधिपूर्ति) कीस्थितिकासामनाकरेगा।
ऊपरप्रस्तुतअनुमानएकरूढ़िवादीपरिदृश्यकेतहतहैंक्योंकिवास्तविकबिजलीकीमांग19-वींइलेक्ट्रिकपावरसर्वे (EPS 19) केतहतअपेक्षितबिजलीकीमांगसेकमहै,
जिसे2029-30 कीकोयलेकीमांगकीगणनाकेलिएआधारकेरूपमेंउपयोगकियाजाताहैऔरपिछलेतीनवर्षोंकेआंकड़ेदर्शातेहैंकिवित्तवर्ष2018-19
और2019-20 मेंवास्तविकमांगकीतुलनामेंEPS19 मेंअनुमानोंकोओवरस्टेटकियागयाहै,
जैसेकेनीचेदीगईतालिकामेंदर्शायागयाहै।EPS19
मेंमांगकेइसबढ़ेहुएप्रक्षेपणसे2029-30
मेंकोयलाकीवास्तविकखपतमेंऔरकमीआसकतीहै।
Title
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2017-18
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2018-19
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2019-20
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EPS 19 Projections(MU)
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1240760
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1317962
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1399913
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Actual Energy Demand (MU)
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1213240
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1274564
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1291010
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Difference Between Projections and
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-3.2%
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-3.3%
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-7.8%
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Actual Energy Demand (MU)
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कोविड19
केकारणवर्तमानमेंचलरहीअर्थव्यवस्थाअनिश्चितताओंऔरबिजलीकेक्षेत्रमेंव्यवधानकेसाथसस्तेरिन्यूएबलऊर्जामेंतेजीसेवृद्धिकोदेखतेहुए,
निजीबिजलीक्षेत्रकेसमानकोयलाखननक्षेत्रमेंस्ट्रेन्डेडएसेट्स
(फंसीसंपत्ति) कीसंभावनाहै।
निष्कर्ष
यहदेखतेहुएकिपूर्णक्षमताकाउत्पादनकरनेकेलिएनीलामकिएगएकोयलाब्लॉकोंकोतीनसेपांचसाललगेंगे,
यहअनुमानलगानाठीकहैकिकोलइंडियालिमिटेड (CIL)
भीउसीसमयकेआसपासएकबिलियनलक्ष्यउत्पादनतकपहुँचजाएगा।इसलिएवर्ष2025
तक100-200 मिलियनमीट्रिकटनकेदरसेकोयलेकीबड़ेपैमानेपरओवरसप्लाईकीसमस्याबनेगे,
भलेहीराज्यPSU औरअन्यनिजीकोयलाखानोंसेउत्पादनसमानरहे।
यहांतक किअगरहममानतेहैंकिCIL
2024-25तककेवल800मिलियनमीट्रिकटनतकपहुंचजाएगा, तोदेशअतिरिक्तकोयलाआवश्यकताकेलिएपहलेसेआवंटित / नीलामकिएगएकोयलाब्लॉकोंसेउत्पादनआसानीसेबढ़ासकताहै।
कोयलेकीनीलामीकाकेवलएकमात्रतरीकालाभदायकहोसकताहै,
अगरयहबातसाफ़होकिमौजूदाकोयलाब्लॉकनिकटभविष्यमेंपर्याप्तकोयलाउत्पादनकरनेमेंअसमर्थहैं।यदियहसचहै,
तोCIL औरअन्यआवंटियोंद्वारायथार्थवादीलक्ष्यनिर्धारितकरनेऔरयथार्थवादीईंधनआपूर्तिसमझौतों
(FSA)
परहस्ताक्षरकरनेकेपक्षमेंमामलाबनताहै।इसकेअलावा,
आवंटितकिएगएब्लॉकजिन्हेंविकसितनहींकियाजासकताहै,
उन्हेंभीनिपटानाहोगा।
अन्यबाजारोंमेंकोयलेकेनिर्यातकातर्कभीसंदिग्धहैक्योंकिभारतीयकोयलाइंडोनेशियासेउच्चगुणवत्तावालेकोयलेकामुकाबलानहींकरपाएगा।कोयलेकीवर्तमानकीमतलगभग$50/टनहै, जिसऔसतलागतकेकरीबCIL अपनाकोयलाबेचताहै।परन्तुइसतथ्यकेकारणकिभारतीयकोयलेकातापमूल्यकमहै,
उससेआयातितकोयलेकेमुक़ाबलेमेंऊर्जाकीसमानमात्राकाउत्पादनकरनेकेलिएदोगुनीमात्राकीआवश्यकताहोगी,
जिससेबहुतकमआयातितकोयलेसेउत्पादितकियाजासकताहै।इसवजहसेभारतीयकोयलेसेनिवेशपरवापसीपड़ोसीदेशोंकेलिएकममोहरखतीहै।इसकेअलावा,
महामारीकेबादसेकोयलेकीमांगमेंकमीआरहीहैऔरजापानऔरउत्तरकोरियामेंकोयलाफेजआउटनीतियोंकेकारणइसमेंऔरगिरावटआनेकीसंभावनाहै।अंतर्राष्ट्रीयकोयलेकीकीमतोंमेंगिरावटऔरभारतीयकोयलेकीकमगुणवत्ताकोदेखतेहुए,
भारतीयकोयलेकेलिएशायदकोईबाजारनहींहो।
कोयलाआयातकोकमकरनाऔरआत्मनिर्भरताबढ़ानाएकअच्छाउद्देश्यहै, लेकिनशायदइनउद्देश्योंकोहजारोंहेक्टेयरवनभूमिकात्यागकिएबिनाऔरस्वदेशीलोगोंकेविस्थापनकेबिनाहासिलकियाजासकताहै।सरकारकेअपनेअनुमानोंऔरमौजूदाकोयलाखदानोंकीसंचयीक्षमताकेअनुसार, भारतकोनईकोयलाखदानोंकीआवश्यकतानहींहै।
टिप्पणियाँ:
कोलविजन2030-
कोलइंडियालिमिटेड (CIL) द्वाराकमीशनकियागयाएकअध्ययनजोभारतमेंकोयलाक्षेत्रकेलिएभविष्यकेमांगपरिदृश्योंकाआकलनकरेगा
(2030
तक) औरअन्यसामग्रीविकासकीपहचानकरेगा।यहअध्ययनकोयलाक्षेत्रकेलिएएकदृष्टिकथनतैयारकरनेकाएकप्रयासहैजोभविष्यकेविकासकाविवरणदेताहैऔरप्रमुखकार्योंकीपहचानकरेगा।
इष्टतमउत्पादनक्षमतामिश्रण2029-30-यहअध्ययनवर्ष2029-30 केअनुमानितबिजलीकीमांगकोपूराकरनेकेलिएकमसेकमलागतकीक्षमतामिश्रणकाआकलनकरनेकेलिएएकअभ्यासहै।
CREA केबारेमें
सेंटरफॉररिसर्चऑनएनर्जीएंडक्लीनएयर
(CREA)
एकस्वतंत्रअनुसंधानसंगठनहैजोवायुप्रदूषणकेसमाधानोंकेसाथ-साथप्रवृत्तियों,
कारणोंऔरस्वास्थ्यप्रभावोंकाखुलासाकरनेपरकेंद्रितहै।CREA
वैज्ञानिकडेटा, अनुसंधानऔरसबूतकाउपयोगकरसरकारों,
कंपनियोंऔरअभियानसंगठनोंकेप्रयासोंकोस्वच्छऊर्जाऔरस्वच्छहवाकीदिशामेंआगेबढ़ानेकेलिएमददकरताहै,
यहमानतेहुएकिनिवेशनिर्णयोंऔरवकालतकेप्रयासोंकीकुंजीप्रभावीअनुसंधानऔरसंचारसफलनीतियांहै।
[4]2019-20 में961 BU कीवास्तविककोयलाआधारितबिजलीउत्पादनकेआधारपरउपयोगितापैमानेकेबिजलीक्षेत्रकेलिएकोयलाखपतलगभग631 मिलियनटनथी।
[5]यहमानतेहुएकेउपयोगितापैमानेकीबिजलीउत्पादनमेंकुलकोयलामांगका75% और70% योगदानहै, जैसाकिकोलइंडियाविजनमेंअपेक्षितहै।पृष्ठ12, https://www.coalindia.in/DesktopModules/DocumentList/documents/Coal_Vision_2030_document_for_Coal_Sector_Stakeholders_Consultation_27012018.pdf
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