Sunday 26 July 2020

क्या भारत को 2030 की माँग को पूरा करने के लिए नई कोयला खदानों की आवश्यकता है?: सेंटर फॉर रिसर्च आन एनर्जी एंड क्लीन एयर



प्रमुखतथ्य:
- पहलेसेआवंटितकोयलाब्लॉकोंकीन्यूनतमक्षमता2030मेंअपेक्षितमांगकीतुलनामेंलगभग15से20%अधिकहै
- आवश्यकतासेज़्यादाकोयलाउत्पादनबढ़ानेसेअधिकआपूर्तिकेकारणवित्तीयतनावपैदाहोगाऔरफंसीहुईसंपत्तिमेंबदलजाएगा
- भारतसरकारकोयलेकेआयातकोसमाप्तकरनेकेलिएमौजूदाखानोंमेंकोयलाकाउत्पादनबढ़ासकतीहै

कोयलेकेव्यावसायिकउपयोगकेलिएनिजीकंपनियोंकोकोयलाब्लॉककीनीलामीकरनेकीकेंद्रसरकारद्वाराहालहीमेंकीगईघोषणानेविभिन्नहितधारकोंसेमिश्रितप्रतिक्रियाएँहैं ।कुछनेइसेएककाफीसमयसेप्रतीक्षितप्रमुखसुधारकहा।परन्तु, झारखंड, छत्तीसगढ़औरमहाराष्ट्रकीराज्यसरकारोंनेपत्रयाकानूनीचुनौतीकेमाध्यमसेअपनीचिंतादर्जकरकेनीलामीकाविरोधकिया।कोयलाखदानयूनियनोंनेकोलइंडियालिमिटेड (CIL) परनकारात्मकप्रभावकेडरसेनिजीकरणकाविरोधकिया।
पर्यावरणविदोंऔरमानवाधिकारसमूहोंनेचिंताव्यक्तकीकिकोयलाखननकेविस्तारसेहजारोंहेक्टेयरसेअधिकवनभूमिनष्टहोसकतीहैऔरभारतकेअंतिमशेषजंगलमेंस्वदेशीलोगोंकाविस्थापनहोसकताहै।
इनब्लॉकोंकीनीलामीकामुख्यकारण "बढ़तीमांगकोपूराकरनेऔरदेशकीआयातनिर्भरताकोकमकरनेकेलिएघरेलूकोयलाखननक्षमतामेंविस्तारकीआवश्यकता" बतायागयाहै।
यहदेखतेहुएकिदेशएकवर्षसेअधिकसमयसेआर्थिकसंकटसेगुजररहाहैऔरकोविड-19 कीस्थितिनेइसेऔरकठिनबनादियाहै, भारतमेंकोयलेकेआयातमेंकमीआनेसेराजकोषपरदबावकमकरनेमेंमददमिलेगी।इसकेबावजूदयहसमीक्षाकरनामहत्वपूर्णहैकिक्याकोयलाखदानकाविस्तारअर्थव्यवस्थाकोजंपस्टार्ट/शुरूकरनेकासबसेअच्छातरीकाहै।
तर्ककोबेहतरढंगसेसमझनेकेलिए, हमकोलइंडियालिमिटेडऔरसेंट्रलइलेक्ट्रिसिटीअथॉरिटीद्वाराविभिन्नकोयलामांगअनुमानोंकोदेखनेकाप्रयासकरें।
2017 मेंCIL द्वारानिर्मितकोलविज़न2030[1]केअनुसार, 2020 मेंभारतमेंकुलकोयलेकीमांग900-1,000 MTPA (मिलियनटनप्रतिवर्ष) और2030 तक1,300-1900 MTPA होनेकीउम्मीदहै।कोयलेकीमांगकेस्पेक्ट्रमकाऊपरीसिरासकलघरेलूउत्पादकीवृद्धिदर8 प्रतिशत[2]सेमेलखाताहै।कोयलेकीमांगकेस्पेक्ट्रमकानिचलाछोरएकऊर्जाकुशलपरिदृश्यसेमेलखाताहै।दस्तावेजमेंयहभीउल्लेखकियागयाहैकि2030मेंसमग्रथर्मलकोयलेकीमांग1,150–1,750 MTPA होनेकाअनुमानहैऔरशेषराशिकोकिंगकोलकीमांगहै।
रिपोर्टमेंआगेकहागयाहैकि2017 मेंआवंटित / नीलामीकीगईकुलखदानोंकीकुलक्षमता (कोलइंडियालिमिटेड, सिंगारेनिकोलियरीजकंपनीलिमिटेडऔरनेवेलीलिग्नाइटकॉरपोरेशनसहित) मौजूदारेटेडक्षमतापरलगभग1,500 MTPA है।संभावितमांग (बेसकेसपरिदृश्य) केमद्देनजर, पहलेसेनीलाम / आवंटितकिएगएकोयलाखदानोंकेआलावानईकोयलाखदानेंशुरूकरनेकीसीमितआवश्यकताहै। (चित्र1)






चित्र1: आजतकआवंटित / नीलामकीगईखदानोंकीकुलक्षमता (CIL, SCCL औरNLCIL सहित) वर्तमानरेटेडक्षमता (कोयलाविज़न2030) मेंलगभग1,500 MTPA है
इसकेअलावा, वित्तवर्ष2018-19 केलिएकोयलाउत्पादनऔरआयात964 मीट्रिकटनऔरकोयलेकाउठाव911 मीट्रिकटनरहा, जिसकीतुलनामेंपिछलेदोदशकोंमेंCIL द्वाराकोयलाउत्पादनपहलीबारगिरगयाहै, उम्मीदहैकिवित्तवर्ष2020 केलिएकुलकोयलाउठावसपाटरहा।
सेंट्रलइलेक्ट्रिसिटीअथॉरिटी (CEA) द्वाराजारीएकअन्यरिपोर्ट, ऑप्टिमलजनरेशनकैपेसिटीमिक्स2029-30[3], नेउल्लेखकियाकि, “कोयलाबिजलीसंयंत्रोंसेसकलउत्पादनवर्ष2029-30[4]केलिए1358 BU होनेकाअनुमानहै।वर्ष2029-30 केलिएकोयलेकीआवश्यकताकोविशिष्टकोयला0.65 kg/kWh + 1% परिवहनहानिपरविचारकरतेहुएलगभग892 मिलियनटनअनुमानितकियागयाहै।
कोलविजन2030 यहभीनोटकरताहैकि, "कुलकोयलामांगकेलगभग70 प्रतिशतकेसाथबिजलीक्षेत्रप्रमुखउपभोक्ताखंडबनाहुआहै।" दस्तावेज़मेंआगेकहागयाहै, "2030 तकगैर-विनियमितक्षेत्रसेकोयलेकीमांगमेंअनुमानितवृद्धि~ 6% CAGR (चक्रवृद्धिवार्षिकवृद्धिदर), विनियमितक्षेत्रमेंअनुमानितमांगवृद्धि (~ 3% CAGR) सेअधिकहै।तथापि, विनियमितक्षेत्रदो-तिहाईयोगदानकेसाथसबसेबड़ाकोयलाउपभोक्ताबनारहेगा। "
उपरोक्तसंख्याओंकेआधारपरयहस्पष्टहैकिवित्तवर्ष2029-30 मेंकुलकोयलेकीआवश्यकता1188 से1273 मिलियनटन (MT)[5]कीसीमामेंहोनेवालीहै।
ऊपरकीगणनाकीगईकोयलेकीमांग1300 मीट्रिकटनकेनीचेआतीहै, जोकिCEA द्वाराऑप्टिमलजनरेशनकैपेसिटीमिक्स2020-30 केतहत, सबसेव्यवहार्यपरिदृश्यकेहिसाबसेकोयलेकीमांगकेसमानहै।
कोलइंडियालिमिटेड, सिंगारेनिकोलियरीजकंपनीलिमिटेडऔरकैप्टिव (बंदी) कोलब्लॉकसहितअन्यसंस्थाओंकोआवंटितकोयलाखदानेंकेहिसाबसेभारतमेंवर्तमानमें1500 मीट्रिकटनसेऊपरकीक्षमताहै, इसलिएपहलेसेआवंटितब्लॉकोंकीन्यूनतमक्षमता2030 मेंअपेक्षितमांगकीतुलनामेंलगभग15 से20% अधिकहै।यहनएकोयलाब्लॉकोंकीआवंटितयानीलामीकरनेकीआवश्यकतापरएकप्रश्नउठाताहै।
CIL कावर्तमानउत्पादनवित्तवर्ष2019-20 केलिएलगभगएकबिलियनटन (BT) कीखननक्षमताकेमुकाबले602 मीट्रिकटनपरहै, अगरअगले10 वर्षोंमेंCIL काउत्पादनसालदरसाल5% बढ़ताहै, तोभारतमें~ 400 मीट्रिकटनअतिरिक्तकोयलाCIL द्वाराहोगाऔरराज्यऔरनिजीसंस्थाओंकेसाथऔर500 मीट्रिकटनक्षमताजोवित्तवर्ष2019-20 मेंलगभग60 मीट्रिकटनहै।यहक्वांटमअगलेदशकमेंआयातनिर्भरताकीजगहलेतेहुएभारतमेंकोयलेकीमांगमेंवृद्धिकोपूराकरनेकेलिएपर्याप्तहै।
इसलिएउपरोक्तअनुमानोंसेयहस्पष्टहैकिभारतमेंपहलेसेही2030 तकखननकेलिएपर्याप्तभंडारहैऔरयदिCIL, अन्यसार्वजनिकउपक्रम (PSU), कैप्टिव (बंदी) निजीऔरनिजीवाणिज्यिककोयलाखनन, सभीअगलेतीनसेपांचवर्षोंमेंअपनेकोयलाउत्पादनमेंवृद्धिकरतेहैंतोकोयलाखननक्षेत्रबड़ेपैमानेपरओवरसप्लाई (अधिपूर्ति) कीस्थितिकासामनाकरेगा।
ऊपरप्रस्तुतअनुमानएकरूढ़िवादीपरिदृश्यकेतहतहैंक्योंकिवास्तविकबिजलीकीमांग19-वींइलेक्ट्रिकपावरसर्वे (EPS 19) केतहतअपेक्षितबिजलीकीमांगसेकमहै, जिसे2029-30 कीकोयलेकीमांगकीगणनाकेलिएआधारकेरूपमेंउपयोगकियाजाताहैऔरपिछलेतीनवर्षोंकेआंकड़ेदर्शातेहैंकिवित्तवर्ष2018-19 और2019-20 मेंवास्तविकमांगकीतुलनामेंEPS19 मेंअनुमानोंकोओवरस्टेटकियागयाहै, जैसेकेनीचेदीगईतालिकामेंदर्शायागयाहै।EPS19 मेंमांगकेइसबढ़ेहुएप्रक्षेपणसे2029-30 मेंकोयलाकीवास्तविकखपतमेंऔरकमीआसकतीहै।
Title
2017-18
2018-19
2019-20




EPS 19 Projections(MU)
1240760
1317962
1399913




Actual Energy Demand (MU)
1213240
1274564
1291010




Difference Between Projections and
-3.2%
-3.3%
-7.8%
Actual Energy Demand (MU)








कोविड19 केकारणवर्तमानमेंचलरहीअर्थव्यवस्थाअनिश्चितताओंऔरबिजलीकेक्षेत्रमेंव्यवधानकेसाथसस्तेरिन्यूएबलऊर्जामेंतेजीसेवृद्धिकोदेखतेहुए, निजीबिजलीक्षेत्रकेसमानकोयलाखननक्षेत्रमेंस्ट्रेन्डेडएसेट्स (फंसीसंपत्ति) कीसंभावनाहै।
निष्कर्ष
यहदेखतेहुएकिपूर्णक्षमताकाउत्पादनकरनेकेलिएनीलामकिएगएकोयलाब्लॉकोंकोतीनसेपांचसाललगेंगे, यहअनुमानलगानाठीकहैकिकोलइंडियालिमिटेड (CIL) भीउसीसमयकेआसपासएकबिलियनलक्ष्यउत्पादनतकपहुँचजाएगा।इसलिएवर्ष2025 तक100-200 मिलियनमीट्रिकटनकेदरसेकोयलेकीबड़ेपैमानेपरओवरसप्लाईकीसमस्याबनेगे, भलेहीराज्यPSU औरअन्यनिजीकोयलाखानोंसेउत्पादनसमानरहे।
यहांतक ​​किअगरहममानतेहैंकिCIL 2024-25तककेवल800मिलियनमीट्रिकटनतकपहुंचजाएगा, तोदेशअतिरिक्तकोयलाआवश्यकताकेलिएपहलेसेआवंटित / नीलामकिएगएकोयलाब्लॉकोंसेउत्पादनआसानीसेबढ़ासकताहै।
कोयलेकीनीलामीकाकेवलएकमात्रतरीकालाभदायकहोसकताहै, अगरयहबातसाफ़होकिमौजूदाकोयलाब्लॉकनिकटभविष्यमेंपर्याप्तकोयलाउत्पादनकरनेमेंअसमर्थहैं।यदियहसचहै, तोCIL औरअन्यआवंटियोंद्वारायथार्थवादीलक्ष्यनिर्धारितकरनेऔरयथार्थवादीईंधनआपूर्तिसमझौतों (FSA) परहस्ताक्षरकरनेकेपक्षमेंमामलाबनताहै।इसकेअलावा, आवंटितकिएगएब्लॉकजिन्हेंविकसितनहींकियाजासकताहै, उन्हेंभीनिपटानाहोगा।
अन्यबाजारोंमेंकोयलेकेनिर्यातकातर्कभीसंदिग्धहैक्योंकिभारतीयकोयलाइंडोनेशियासेउच्चगुणवत्तावालेकोयलेकामुकाबलानहींकरपाएगा।कोयलेकीवर्तमानकीमतलगभग$50/टनहै, जिसऔसतलागतकेकरीबCIL अपनाकोयलाबेचताहै।परन्तुइसतथ्यकेकारणकिभारतीयकोयलेकातापमूल्यकमहै, उससेआयातितकोयलेकेमुक़ाबलेमेंऊर्जाकीसमानमात्राकाउत्पादनकरनेकेलिएदोगुनीमात्राकीआवश्यकताहोगी, जिससेबहुतकमआयातितकोयलेसेउत्पादितकियाजासकताहै।इसवजहसेभारतीयकोयलेसेनिवेशपरवापसीपड़ोसीदेशोंकेलिएकममोहरखतीहै।इसकेअलावा, महामारीकेबादसेकोयलेकीमांगमेंकमीआरहीहैऔरजापानऔरउत्तरकोरियामेंकोयलाफेजआउटनीतियोंकेकारणइसमेंऔरगिरावटआनेकीसंभावनाहै।अंतर्राष्ट्रीयकोयलेकीकीमतोंमेंगिरावटऔरभारतीयकोयलेकीकमगुणवत्ताकोदेखतेहुए, भारतीयकोयलेकेलिएशायदकोईबाजारनहींहो।
कोयलाआयातकोकमकरनाऔरआत्मनिर्भरताबढ़ानाएकअच्छाउद्देश्यहै, लेकिनशायदइनउद्देश्योंकोहजारोंहेक्टेयरवनभूमिकात्यागकिएबिनाऔरस्वदेशीलोगोंकेविस्थापनकेबिनाहासिलकियाजासकताहै।सरकारकेअपनेअनुमानोंऔरमौजूदाकोयलाखदानोंकीसंचयीक्षमताकेअनुसार, भारतकोनईकोयलाखदानोंकीआवश्यकतानहींहै।
टिप्पणियाँ:
कोलविजन2030- कोलइंडियालिमिटेड (CIL) द्वाराकमीशनकियागयाएकअध्ययनजोभारतमेंकोयलाक्षेत्रकेलिएभविष्यकेमांगपरिदृश्योंकाआकलनकरेगा (2030 तक) औरअन्यसामग्रीविकासकीपहचानकरेगा।यहअध्ययनकोयलाक्षेत्रकेलिएएकदृष्टिकथनतैयारकरनेकाएकप्रयासहैजोभविष्यकेविकासकाविवरणदेताहैऔरप्रमुखकार्योंकीपहचानकरेगा।
इष्टतमउत्पादनक्षमतामिश्रण2029-30-यहअध्ययनवर्ष2029-30 केअनुमानितबिजलीकीमांगकोपूराकरनेकेलिएकमसेकमलागतकीक्षमतामिश्रणकाआकलनकरनेकेलिएएकअभ्यासहै।
CREA केबारेमें
सेंटरफॉररिसर्चऑनएनर्जीएंडक्लीनएयर (CREA) एकस्वतंत्रअनुसंधानसंगठनहैजोवायुप्रदूषणकेसमाधानोंकेसाथ-साथप्रवृत्तियों, कारणोंऔरस्वास्थ्यप्रभावोंकाखुलासाकरनेपरकेंद्रितहै।CREA वैज्ञानिकडेटा, अनुसंधानऔरसबूतकाउपयोगकरसरकारों, कंपनियोंऔरअभियानसंगठनोंकेप्रयासोंकोस्वच्छऊर्जाऔरस्वच्छहवाकीदिशामेंआगेबढ़ानेकेलिएमददकरताहै, यहमानतेहुएकिनिवेशनिर्णयोंऔरवकालतकेप्रयासोंकीकुंजीप्रभावीअनुसंधानऔरसंचारसफलनीतियांहै।
[2]पिछले2 वर्षोंमेंसकलघरेलूउत्पादकीवृद्धिदर6.1 और4.2 रहीहैवित्तवर्ष2018-19 और2019-20 केलिएक्रमशः।
[4]2019-20 में961 BU कीवास्तविककोयलाआधारितबिजलीउत्पादनकेआधारपरउपयोगितापैमानेकेबिजलीक्षेत्रकेलिएकोयलाखपतलगभग631 मिलियनटनथी।
[5]यहमानतेहुएकेउपयोगितापैमानेकीबिजलीउत्पादनमेंकुलकोयलामांगका75% और70% योगदानहै, जैसाकिकोलइंडियाविजनमेंअपेक्षितहै।पृष्ठ12, https://www.coalindia.in/DesktopModules/DocumentList/documents/Coal_Vision_2030_document_for_Coal_Sector_Stakeholders_Consultation_27012018.pdf

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