‘वल्र्ड हेरिटेज डे’ पर ग्रेसी सिंह, आसिफ शेख और पवन सिंह ने कहा, “सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल का खजाना है दिल्ली”
‘वल्र्ड हेरिटेज डे पर’, एण्डटीवी के कलाकारों ‘और भई क्या चल रहा है?’ के जफर अली मिर्जा (पवन सिंह), ‘भाबी जी घर पर हैं’ के विभूति नारायण मिश्रा(आसिफ शेख) और ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ की संतोषी मां (ग्रेसी सिंह) ने उनकी प्यारी दिलवालों की दिल्ली के सबसे खूबसूरत पारम्परिक स्थलों को याद किया। वल्र्ड हेरिटेज डे को उनके स्मारक और स्थलों के लिए अंतराष्ट्रीय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। ऐतिहासिक इमारतों और स्थलों के महत्व और उनकी महत्ता के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए हर साल 18 अप्रैल को यह मनाया जाता है। अपने पसंदीदा धरोहर स्थल के बारे में बात करते हुए, पवन सिंह उर्फ जफर अली मिर्जा ने कहा “सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल का खजाना है दिल्ली। यह शहर दुनिया में कुछ सबसे बड़े धरोहर स्थलों का घर है। जब भी कोई मुझसे दिल्ली के बारे में पूछता है, मैं उसे अपना पसंदीदा हेरिटेज स्पॉट- हुमायूँ का मकबरा के बारे में बताने से खुद को रोक नहीं सकता। यह मुगलों के सबसे अच्छे स्मारकों में से एक है और ये सबसे बड़ा पहला राजवंशीय मकबरा है जोकि निर्माण कला के साथ-साथ मुगल वास्तुकला का पर्याय भी बना हुआ है। मैं उस जगह पर 100 बार गया हूं, लेकिन हर बार जब भी मैं वहां जाता हूं, मैं वहां के स्मारकों की वास्तुकला और डिजाइन से मंत्रमुग्ध हो जाता हूं। अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए और खूबसूरत तस्वीरें खींचकर यादें संजोने के लिए भी शानदार है। वल्र्ड हेरिटेज डे पर, मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि सांस्कृतिक विरासत का होना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह किसी भी देश की पहचान को परिभाषित करता है।“
दिल्ली में अपने पुराने दिनों को याद करते हुए आसिफ शेख उर्फ विभूति नारायण मिश्रा ने कहा, “समृद्ध विरासत और ऐतिहासिक स्मारक दिल्ली की वास्तविक शोभा हैं। बचपन से ही, लाल किले पर स्वतंत्रा दिवस की परेड देखने का मौका मैंने कभी भी मिस नहीं किया। और उसी के बाद से लाल किला मेरी पसंदीदा जगह बन गई। शाहजहां के समय से ही लाल किला सर्वोच्चता का प्रतीक बना हुआ है और यह कई ऐतिहासिक बदलावों का साक्षी है। भारत की आजादी का पहला झंडा भी यही लहराया गया था। जब भी मैं लाल किला जाता हूं, मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं और मैं इसकी तारीफ करने से खुद को नहीं रोक सकता। मेरा सभी से विनम्र आवेदन है कि इन ऐतिहासिक स्मारकों का आदर करें क्योंकि यह किसी ईश्वरीय कला से कम नहीं हैं और भावी पीढ़ियो के लिए इनका संरक्षण करें ताकि वह उनके समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानें और इसे समझें।“
ग्रेसी सिंह उर्फ संतोषी मां ने कहा, “एक जगह को चुनना बहुत ही मुश्किल है। हुमायूँ का मकबरा से लेकर लाल किले और कुतुब मीनार, लोटस टेंपल, हर स्मारक की सुंदरता, वास्तुकला और उससे जुड़ी कहानी का अनोखा अंदाज है। लेकिन मुझे कुतुब मीनार जाना बहुत पसंद है, वहां मेरे दोस्तों और परिवार के साथ कई यादें हैं। लेकिन जो भी दिल्ली आते हैं उन्हें इस मंत्रमुग्ध मीनार को देखने जरूर जाना चाहिए। मुझे लगता है कि सिर्फ वल्र्ड हेरिटेज डे पर ही नहीं, बल्कि लोगांे को इन इमारतों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा कि वे अपनी खुद की संपत्ति के साथ करते हैं। इन स्मारकों की सुरक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है क्योंकि ये हमारे इतिहास और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं।“
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