इंटरनेशल डांस डे पर एण्डटीवी के कलाकारों ने कहा,
नृत्य हमारी शक्ति हैष्
सभी राजनीतिक, सांस्कृतिक और जातिवाद बाधाओं से परे श्इंटरनेशल डांस डेश् पर नृत्य की सभी डांस फॉम्र्स को एक कला के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। एण्डटीवी की डांस क्वीन श्संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएंश् की संतोषी मां(ग्रेसी सिंह), श्और भाई क्या चल रहा है?श् की शांति मिश्रा(फरहाना फातिमा) और सकीना मिर्जा (अकांशा शर्मा) ने इस कला के लिए अपना प्यार व्यक्त किया और साथ ही अपनी यादों को भी शेयर किया। ग्रेसी सिंह उर्फ संतोषी मां ने कहा, श्डांस मुझे मेरी आध्यात्मिक आत्मा से जोड़ने में मदद करता है और मुझे सकारात्मक और ऊर्जावान बनाये रखता है। यह मेरे मन शरीर और आत्मा को एक-दूसरे के साथ जोड़े रखता है और मुझे शांति की एक अलग ही दुनिया में लेकर जाता है। लोग ध्यान करने के लिए भी डांस को एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। बस आपको इतना करना है कि ताल और बीट्स पर पूरा ध्यान केंद्रित करना है, आपके कदम खुद ब खुद स्टेप फॉलो करेंगे। इस इंटरनेशल डांस डे पर, मेरा आप सभी के लिए यही सन्देश है कि इस सुन्दर कला के सामने खुद को समर्पित कर दीजिए और डांस आपकी परेशानियों और चिंताओं को दूर कर देगा।श् फरहाना फातिमा उर्फ शांति मिश्रा ने कहा, श्मुझे निजी तौर पर डांस करना बहुत ज्यादा पसंद है। मैं इसे उस तरह से महसूस करती हूं जिसे मैं कभी शब्दों में बयां नहीं कर सकती। शारीरिक रूप से फायदेमंद होने के साथ, यह मुझे दिमागी रूप से भी शांति देता है और बहुत उम्मीद देता है, खासकर इस चुनौतीपूर्ण समय में। मैंने गुरु-शिष्या की परम्परा को फॉलो करते हुए कत्थक सीखा है और गौरव के साथ शास्त्रीय कला मास्टर की डिग्री ली है। शुरुआत में इसने मेरी भावनाओं को और अनुशासन के महत्व को समझने में मेरी बहुत मदद की, और अब यह मेरे लिए रोज की दिनचर्या बन गई है।श् और भाई क्या चल रहा है? की अकांशा शर्मा उर्फ सकीना मिर्जा ने कहा, श्जो एक सबसे बेहतरीन चीज है वो ये है कि डांस में कोई भी ध्यान की तालाश कर सकता है। यह खुद को तलाशने का एक साधन है जहां शरीर एक मात्र ऐसा साधन है जो आपमें एक नयापन लता है और दिमाग को शांत करता है। मुझे बॉलीवुड डांस बहुत पसंद है क्योंकि उसमें एक अनोखा एक्स-फैक्टर होता है, जिसे देखने वाला भी देख कर नाच उठे। मुझे अभी भी वो समय याद है जब मैं बॉलीवुड की मास्टर जी सरोज खान को असिस्ट कर रही थी जिन्होंने मुझे डांस का सही मतलब समझाया। आज इस इंटरनेशल डांस डे के मौके पर मैं वो शेयर करना चाहूंगी जो मुझे मेरी गुरूजी ने सिखाया- डांस एक अकेली ऐसी कला है जिसमें अभिव्यक्ति और एहसास शब्दों को पीछे छोड़़ देती है।श्
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